सोमवार, 18 जनवरी 2010

याद आती है हमें


याद आती है हमें ,कुछ भूली बिसरी बात ,

कुछ समय पहले की अपने प्यारे यारों की साथ !

वो हमारा प्यार से मिलना ,गले लगाना

पल भर में ही रूठ जाना और फिर मनाना

भूल कैसे सकता हूँ मैं ,वो सुनहरे दिन

मस्ती में जब मस्त रहता पहर -पहर भर दिन

भूला हूँ तो कई बात पर भूल नहीं मैं सकता ,

अपन -अपनों का स्नेह प्रेम ,हरगिज भुला नहीं सकता

चाहता हूँ एक बार फिर से मिल जाए मेरा बचपन मुझे ,

बिछड़े हुए खोये मिल जाए मेरे साथी मुझे !!

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