शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

संसार का सच

आज मेरा मन परेशान सा लग रहा था .आचानक मन में प्रश्न उठा मैं कौन हूँ ?
कहाँ से आया हूँ? जाना कहाँ है ? आख़िर इस संसार का रहस्य क्या है ?
तभी अचानक मेरी नजर रसोई में रखी प्याज पर गयी और समाधान भी मिलता नजर आया .आप सोचेंगे प्याज से संसार के रहस्य का समाधान ?शायद वेद का दिमाग फ़िर गया है ।
परन्तु सचमुच यह संसार प्याज के समान है ! प्याज को जितना नजदीक से आप खोलेंगे उतने ही आंसू आयेंगे ,दूर से खोलने पर आपको आसूं नही आयेंगे .शायद ऐसा ही यह संसार भी है जितना आप अपना -पराया ,तेरा -मेरा ,मोह-माया में पड़ेंगे उतना ही आप परेशान रहेंगे! हमेशा जिन्दगी से शिकायतें रहेंगी ही।
इस संसार में रहते हुए भी अपना -पराया,तेरा -मेरा से दूर रहिये आपकी सारी चिंताएँ छूमंतर हो जायेंगी ।
और जिस प्रकार प्याज को खोलते रहने पर भी अंततःअन्दर कुछ मिलता नहीं, ऐसा ही यह संसार है !
जितना अन्दर आप घुसेंगे आख़िर आपके हाथ आएगा कुछ भी नही !
प्याज की तरह !

5 टिप्‍पणियां:

  1. आप का स्वागत करते हुए मैं बहुत ही गौरवान्वित हूँ कि आपने ब्लॉग जगत मेंपदार्पण किया है. आप ब्लॉग जगत को अपने सार्थक लेखन कार्य से आलोकित करेंगे. इसी आशा के साथ आपको बधाई.
    ब्लॉग जगत में आपका स्वागत हैं, हमने भी आज ही एक और नया चिटठा "चर्चा पान की दुकान पर" प्राम्भ किया है, चिट्ठे पर आपका स्वागत है.
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  2. आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है. आपके नियमित लेखन के लिए अनेक शुभकामनाऐं.

    एक निवेदन:

    कृप्या वर्ड वेरीफीकेशन हटा लें ताकि टिप्पणी देने में सहूलियत हो. मात्र एक निवेदन है.

    वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:

    डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?> इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना.

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  3. चिट्ठाजगत में स्वागत है आपका

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