बूँद से मोती
पराधीनता से स्वाधीनता
कृतघ्न से कृतज्ञं
स्वार्थ से परमार्थ
भोग से योग
विद्या से विवेक
असत्य से सत्य
ज्ञान से मुक्ति
सत्संग से समाधि
हंस से परमहंस
मृण्मय से चिन्मय
जागने से जागरण तक की .........!
यह हमारे और आपके ऊपर निर्भर है की हम किस राह चलना चाहेंगे !
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