मंगलवार, 10 नवंबर 2009

कुछ पहलू बिहार के

दिल्ली ,मुंबई ,कोलकाता या चेन्नई!
गुरगांव,चंडीगढ़ ,हैदराबाद या फ़िर !
फिजी ,दुबई,सूडान हो या मारीशस !
कंही भी चले जाइए आप
रिक्शा चलाते ,ठेला खींचते ,फल -सब्जियों की दुकान चलाते ,घरों में काम करते एक परेशान सा चेहरा दिख जाता है आपको !थोडा पूछ बैठिये कहाँ के हो भाई ?
उत्तर मिलेगा केवल और केवल बिहार !
अपने मेहनती हाथों से हरेक शहर हो या डगर ,दूकान या फ़िर मकान सबको सवांरता मिलेगा बिहार !
फ़िर भी हिकारत और जलालत की नजर से देखा जाता है बिहार !
कभी राज तो कभी शिवराज के निशाने पर होता है बिहार !
परन्तु यह तस्वीर का केवल एक पहलू है ,हकीकत कुछ और भी है !
जनकनन्दिनी सीता की जन्मभूमि !
गौतम बुद्ध की तपोभूमि !
भगवान् महावीर की कर्मभूमि !
चाणक्य की साधनाभूमि और
चन्द्रगुप्त की शौर्यभूमि रहा है बिहार !
संसार को शान्ति का उपदेश देने वाला बिहार !
विश्व को सर्वप्रथम लोकतंत्र की परिकल्पना देने वाला लिक्क्षवी गणराज्य की राजधानी वैशाली बिहार में!
वैश्विक शिक्षा का सबसे बड़ा केन्द्र रहा नालंदा विश्वविद्यालय बिहार में !
पराक्रमी सम्राट अशोक के एतिहासिक मगध साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र
बिहार में !
एतिहासिक अंग साम्राज्य का केन्द्र रहा मुंगेर बिहार में !
चीनी यात्री फाहियान की शोध स्थली ,सिद्धार्थ को बुद्धत्व देकर बुद्ध में बदलने वाला बिहार !
जगदगुरू शंकराचार्य को पराजीत करने वाली विदुषी भारती बिहार की!
आजादी के युद्ध में अपना हाथ काटकर माँ गंगा को अर्पण करने वाले बाबू वीर कुवर सिंह बिहार के !
अंगरेजी साम्राज्य को चुनौती देने वाला धधकता ज्वाल बिरसा मुंडा बिहार के !
महात्मा गांधी का प्रयोगभूमि रहा चंपारण बिहार में !
अगस्त क्रांति में तिरंगा के खातिर अपने खिलते नवयौवन को माँ भारती के चरणों में चढाने वाले सात शहीद बिहार के!
स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद बिहार के !
सम्पूर्ण क्रांति के उदगाता लोकनायक जयप्रकाश नारायण बिहार के !
तेजस्वी तथागत तुलसी की धरती बिहार !
गणितग्य कुमार आनंद की धरती बिहार !
मारीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम की धरती बिहार !
हजारों IAS ओर पत्रकार बिहार के!
हरेक सरकार में दर्जनों मंत्री बिहार के !
परन्तु प्रश्न है -
फिर भी क्यों पीछे है बिहार ?
अशिक्षा ,गरीबी ,भुखमरी ओर पिछडापन से क्यों कराह रहाहै बिहार ?
हर जगह क्यों धक्का खाता ,पेट के खातिर दर -दर भटकता बिहार और बिहारी समाज !
विकास की बात जोह रहे बिहारियों को आशा है की कोई भागीरथ विकास की गंगा बिहार में भी अवतरित करेगा !
परन्तु क्या ,
बिहार के वर्तमान नेताओं से आशा की जा सकती है की वे बदल सकेंगे बिहार की तकदीर और तस्वीर !
मसला यह नहीं है की -
अनेकों समस्याओं को हल कौन करेगा ?
प्रश्न है पहल कौन करेगा ?और इसकी शुरुआत बिहारियों को खुद करनी होगी !

1 टिप्पणी:

  1. आनलाइन हस्ताक्षर करके विरोध जतायें

    बिहार में सूचना मांगने वालों को प्रताड़ित करने की काफी शिकायतें आ रही हैं। अब बिहार सरकार ने सूचना पाने के नियमों में अवैध संशोधन करके एक आवेदन पर महज एक सूचना देने का नियम बनाया है। अब गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को सिर्फ दस पेज की सूचना निशुल्क मिलेगी, इससे अधिक पेज के लिए राशि जमा करनी होगी। ऐसे नियम पूरे देश के किसी राज्य में नहीं हैं। ऐसे नियम सूचना कानून विरोधी हैं। इससे सूचना मांगने वाले नागरिक हताश होंगे। इससे नौकरशाही की मनमानी बढ़ेगी। इस तरह बिहार सरकार ने सूचना कानून के खिलाफ गहरी साजिश की है। अगर सूचना पाने के नियमों में संशोधन हुआ तो नागरिकों को सूचना पाने के इस महत्वपूर्ण अधिकार से वंचित होना पड़ेगा। एक समय बिहार को आंदोलन का प्रतीक माना जाता था। आज सूचना कानून के मामले में बिहार पूरे देश में सबसे लाचार और बेबस राज्य नजर आ रहा है। वहां सुशासन की बात करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुशासन की भूमिका निभाते हुए कुशासन को बढ़ाना देने के लिए सूचना कानून को कमजोर किया है।
    इसलिए आनलाइन पिटिशन पर हस्ताक्षर करके अपना विरोध अवश्य दर्ज करायें। इसके लिए यहां क्लिक करें- -
    http://www.PetitionOnline.com/rtibihar/petition.html


    -विष्णु राजगढ़िया
    सचिव, झारखंड आरटीआइ फोरम

    संशोधन के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए लिंक
    http://mohallalive.com/2009/11/19/nitish-government-changed-right-to-information-act/

    http://thehoot.org/web/home/story.php?storyid=4227&mod=1&pg=1&sectionId=2&valid=true

    जवाब देंहटाएं